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| Devuthani Ekadashi 2025 |
Dev Uthani Ekadashi 2025: भारत के धार्मिक परिप्रेक्ष्य में देवउठनी एकादशी का व्रत अत्यंत शुभ और विशेष माना जाता है। 2025 में देवउठनी एकादशी की तिथि और व्रत के नियम को लेकर श्रद्धालुओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि इस बार एकादशी तिथि दो दिन पड़ रही है।
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| Devuthani Ekadashi 2025 |
कब है देवउठनी एकादशी 2025 में?
वर्ष 2025 में कार्तिक शुक्ल एकादशी (देवउठनी एकादशी) 1 नवंबर (शनिवार) को सुबह 9:12 से आरंभ होकर 2 नवंबर (रविवार) को सुबह 7:31 तक रहेगी।
इस स्थिति में व्रत रखने की दो तिथियां सामने आ रही हैं: 1 नवंबर शनिवार (दशमी युक्त एकादशी) और 2 नवंबर रविवार (वैष्णव एकादशी)।
किस दिन रखें व्रत -जानें विशेषज्ञों की राय
शास्त्रों के अनुसार एकादशी और द्वादशी तिथि के संयोग (2 नवंबर रविवार) को व्रत रखना अधिक शुभ और श्रेष्ठ माना गया है, खासकर वैष्णव संप्रदाय एवं मोक्ष की कामना करने वाले श्रद्धालुओं के लिए।
1 नवंबर को भद्रा काल रात 8:27 से शुरू होकर 2 नवंबर की सुबह 7:31 तक रहेगा। इस दौरान पृथ्वीलोक पर भद्रा का वास अशुभ होता है, अत: अधिकांश शुभ कार्य, जैसे तुलसी विवाह, भद्रा के बाहर ही करें।
व्रत पारण का शुभ मुहूर्त
जो श्रद्धालु 1 नवंबर को व्रत रखते हैं, वे 2 नवंबर को दोपहर 1:11 से 3:23 के बीच व्रत पारण (उपवास खोलना) करें।
जो 2 नवंबर रविवार को व्रत रखते हैं, उनके लिए 3 नवंबर सोमवार को सुबह 6:34 से 8:46 के बीच पारण का समय शुभ है।
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| Devuthani Ekadashi 2025 |
तुलसी विवाह और अन्य नियम
तुलसी विवाह का आयोजन देवउठनी एकादशी या द्वादशी तिथि पर अथवा एकादशी से पूर्णिमा तक किया जा सकता है। भगवान विष्णु को सात्विक फल, मिठाई, पंचामृत और मूसल आदि अर्पित करके व्रत खोलें।
व्रत के दिन चावल का परहेज करें। अगर उपवास संभव न हो तो फलाहार लें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। YatraJaankaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।



