मां महाकाली के इस मंदिर की ख्याति न केवल देशभर में बल्कि विदेशों में भी फैली हुई है। श्रद्धालु यहां अपने बिगड़े हुए कामों के सुधार के लिए आते हैं, और मां के आशीर्वाद से चमत्कारिक परिवर्तन का अनुभव करते हैं।
स्थान और इतिहास:
कादराबाद गांव, जारीफनगर थाना मुख्यालय से केवल 5 किमी दूर स्थित है। यह प्राचीन मंदिर महावा नदी के किनारे स्थित है, जहां संत शिरोमणि श्री हरिबाबा ने गंगा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए 40 मील लंबा बांध बनाया था।
मंदिर का महत्व:
माना जाता है कि संत भोले बाबा ने इसी स्थान पर कोलकाता वाली मां काली की तपस्या की थी। उनके प्रयासों से ही इस मंदिर को मान्यता मिली और श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती रही है।
आर्थिक प्रभाव:
नवरात्रि और विशेष अवसरों पर यहां भारी भीड़ लगती है, जिससे स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलता है। धर्मशाला, प्रसाद की दुकानें, और पंडा परिवारों की रोजी-रोटी भी इस मंदिर पर निर्भर है।
श्रद्धालुओं का विश्वास:
मां काली के प्रति श्रद्धा और विश्वास ने इस स्थान को एक आध्यात्मिक और आर्थिक केंद्र बना दिया है। यहां दिन-रात घंटे की आवाजें सुनाई देती हैं, जो भक्तों के अटूट विश्वास का प्रतीक हैं।

