यूं तो खुर्जा अपनी क्रॉकरी और खुरचन (मिठाई) के लिए मशहूर है लेकिन यहां एक और स्थान है जो अपने आप में एक पवित्र स्थान माना जाता है यह है देवी माता मंदिर आईए जानते हैं इस मंदिर की विशेषता और इतिहास
क्या आप जानते हैं एक ऐसे मंदिर का राज जहां परिक्रमा और दर्शन मात्र से ही हो जाती है मुरादे पूरी तो लिए आपको ले चलते हैं उत्तर प्रदेश खुर्जा के इस मंदिर में जहा लगता है भक्तों का मेला नवदुर्गा शक्ति स्तंभ मंदिर
स्थित मंदिर अठारह भुजाओं की विशाल प्रतिमा है करीब चार टन अष्टधातु से बनाया गया है इसमें 27 खंड हैं। बताया जाता हे मूर्ति को 100 से अधिक मूर्तिकारों ने एकजुट होकर बनाया था। माता की मूर्ति में एक तरफ हनुमान
और माना जाता है वहां के दर्शन से ही घर की हर परेशानी का समाधान मिलता हे नवरात्रि में यहां भगत का मेला लगता हे दूर-दूर से लोग देवी माँ के दर्शन के लिया यह पोहोचते है यह मंदिर दो हजार वर्ग फीट में फैला
हुआ है जिसकी ऊंचाई लगभग 30 फीट है जबकि इसका शिखर करीब 60 फीट ऊंचा है। इसके अलावा मंदिर परिसर में एक स्तंभ भी है। मंदिर में खूबसूरत कलाकृति का सुंदर दृश्य है खबरों की माने तो स्तंभ मंदिर का निर्माण साल 1993 में हुआ था माता की मूर्ति की
स्थापना 13 फरवरी 1995 को हुई थी। मंदिर में भगत सुबह चार बजे से दर्शन कर सकते हे और मंदिर में नियमित रूप से मंदिर में पूजा और आरती की जाती है।
माता की परिक्रमा करने मात्र से ही दूर होता हे हर दुःख और तख़लीफ़ माना जाता है जो लोग सच्चे मन से 108 बार मंदिर की परिक्रमा करते उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। मंदिर परिसर में मौजूद स्तंभ पर कलावे से गांठ
बांधना भी जरूरी होता है। उसके बाद माता का आशीर्वाद मिलता है लोगो का आस्था है की इस मंदिर की इस मंदिर की 108 परिक्रमा करने से गोवर्धन की एक परिक्रमा के बराबर फल मिलता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। YatraJaankaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।




