Chaitra Navratri 2025: जानें कब है अष्टमी और नवमी

Chaitra Navratri


चैत्र नवरात्रि वास्तव में एक अत्यंत शुभ और पावन अवसर है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह नए साल की शुरुआत का प्रतीक भी है। इस वर्ष 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल को राम नवमी के साथ समाप्त हो रही है।

अष्टमी और नवमी तिथियों के संबंध में असमंजस सामान्य है क्योंकि तिथियाँ चंद्र पञ्चांग पर निर्भर करती हैं और कभी-कभी इनकी अवधि एक दिन से अधिक या कम हो सकती है।


अष्टमी तिथि (चैत्र माह शुक्ल पक्ष)

शुरुआत: 4 अप्रैल 2025 को रात 8:12 बजे  

समापन: 5 अप्रैल 2025 को रात 7:26 बजे  

उदया तिथि के अनुसार: 5 अप्रैल 2025 (शनिवार) को मनाई जाएगी  


अष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त: 

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:35 बजे से 5:21 बजे तक  

प्रातः संध्या: सुबह 4:58 बजे से 6:07 बजे तक  

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक  


नवमी तिथि

शुरुआत: 5 अप्रैल 2025 को रात 7:26 बजे  

समापन: 6 अप्रैल 2025 को रात 7:22 बजे  

राम नवमी: 6 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी  


नवमी कन्या पूजन मुहूर्त:  

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:34 बजे से 5:20 बजे तक  

प्रातः संध्या: सुबह 4:57 बजे से 6:05 बजे तक  

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:58 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक 


कन्या पूजन का महत्व:
इन दोनों तिथियों पर कन्या पूजन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देवी दुर्गा के नौ रूपों का सम्मान और आशीर्वाद प्राप्त करने का तरीका है। इस दिन विशेष रूप से 9 कन्याओं को आमंत्रित किया जाता है और उनका पूजन विधिपूर्वक किया जाता है।

नवरात्रि व्रत का पारण:

व्रति लोग उपवास के अंत में अष्टमी या नवमी तिथि को पारण करते हैं, जिसमें विशेष रूप से देवी के प्रति श्रद्धा और आभार प्रकट किया जाता है। 

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